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हमारा लक्ष्य – सनातन संस्कृति का उत्थान और प्रचार

A Place of E-learning About Wisdom and Knowledge

श्री वैदिक गुरुकुल का उद्देश्य केवल धार्मिक शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति को जन-जीवन में आत्मसात कराना है। हम समाज को एक आदर्श, सुरुचिपूर्ण और समृद्ध जीवनशैली का मार्गदर्शन देने हेतु कृतसंकल्प हैं। हम जिन प्रमुख विषयों पर कार्य कर रहे हैं, वे हैं:

भारतीय संस्कृति को जीवन में उतारना

  • सनातन धर्म के मूल्यों और सिद्धांतों को दैनिक जीवन में लागू करना

  • आदर्श और सुसंस्कृत जीवनशैली का प्रचार

सही पूजा-पद्धति और धार्मिक ज्ञान का प्रसार

  • निष्कपट पूजा विधि, पूजन के सही चरण और ईष्टदेव की उचित आराधना

  • धार्मिक कर्मकांडों का विधिपूर्वक आयोजन

  • विशेष धार्मिक आयोजनों की सम्पूर्ण प्रक्रिया और विधान

ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का व्यावहारिक उपयोग

  • दैनिक जीवन के लिए सरल और उपयोगी वास्तु एवं ज्योतिषीय उपाय

  • नित्य पंचांग और शुभ-अशुभ घटनाओं के संकेतों की पहचान

  • वैदिक ज्योतिष विद्या का ज्ञान और उसकी वैज्ञानिक व्याख्या

हिन्दू त्यौहारों और देवी-देवताओं की उपासना विधि

  • वार्षिक हिन्दू पर्वों की सही पूजन विधि, व्रत-कथाएँ और उनका आध्यात्मिक महत्त्व

  • प्रमुख हिन्दू देवी-देवताओं की सेवा, पूजन, मंत्र, कथा व महिमा से संबंधित विस्तृत जानकारी

युवा पीढ़ी में सनातन संस्कारों का संचार

  • बच्चों व युवाओं को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना

  • संस्कार, मर्यादा और धर्म की शिक्षा को पुनः जीवन का आधार बनाना

Objectives of Vedic Gurukul /mission

  • हमारा ध्येय सनातन धर्म की रक्षा सेवा व प्रचार प्रसार करना।
  • सामान्य जन मानस में आदर्श सनातनी सभ्यता व संस्कृति को जीवन्त करना।
  • हमारी हिन्दू सम्भताव संस्कृति को अजर-अमर बनाये रखने में संहयोग करना।
  • दैनिक जीवन में होने वाली छोटी – छोटी भूल व त्रुटियो जिनके प्रभाव से जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है, उनके बारे उचित जानकारी व धार्मिक उपाय उपलब्ध कराना।
  • महत्वपूर्ण हिन्दू तिथियों व त्यहारों के महत्व व अस्तित्व को कायम रखना।
  • आदर्श हिन्दु महाकाव्यों, रचनाओं, घटनाओं व व्यवितयों से परिचित कराना।

वैदिक गुरुकुल की प्रमुख विशेषताएं

  1. भारतीय सभ्यता व संस्कृति के सामान्य जीवन में उतारना।
  2. एक आदर्श सुख समृद्ध जीवन शैली का ज्ञान।
  3. नित्य पूजा कर्म व पूजन विधि, व अपने ईष्ट को सही व सहरीक पूजन विधि की जानकारी देना।
  4. धार्मिक कर्मकाण्ड का आयोजन।
  5. नित्य पंचाग।
  6. दैनिक घरेलू जीवन के लिये उपयोगी सामन्य वास्तु शास्त्र का ज्ञान।
  7. सुखी समृद्ध घरेलू जीवन के दैनिक उपाय।
  8. दैनिक घटनाओं का महत्ता व सकेंत को पहचानना।
  9. ज्योतिष विद्या का ज्ञान।
  10. विशेष धार्मिक आयोजनों की सही व सम्पूर्ण विधि-विधान।
  11. वार्षिक हिन्दु त्यौहारों की सही पूजन विधि, विधान व संबंधित कहानियाँ व महातम्य।
  12. विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं की सेवा, पूजन विधि, भोग, प्रचलित कथाएँ आदि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।
  13. युवा पीढी में सनातनी संस्कारों को विकसित करना।

("शाश्वतम् दृढ, स्थिरम्, एष धर्मः सनातनः")

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